रमज़ान का महीना तीन असरे में बांटा गया है



बस्ती 25 अप्रैल 2020,इस्लामिक कलेंडर का यह नवा महीना रमज़ानुल मुबारक का महीना आता है इस माह में हर मुसलमान पर रोजा फर्ज होता है इस माह में तीन असरे होते है पहला अशरा रहमत का होता है। इस महीने के पहले 10 दिन में रोजा रखने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है। इस्लामिक धर्म के अनुसार इन दिनों में अधिक से अधिक दान करना चाहिए और जरूरतमंद, गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।  इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों में सभी के साथ प्यार से रहना चाहिए।रमजान का दूसरा अशरा माफी का होता है। दूसरा अशरा 11वें रोजे से 20वें रोजे तक चलता है। इस्लामिक धर्म के अनुसार इन दिनों में इबादत कर, अल्लाह से किए गए गुनाओं की माफी मांगी जाती है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार दूसरे अशरे के दौरान जो भी व्यक्ति अपने गुनाहों के लिए मांफी मांगता है, उसे अल्लाह माफ करते हैं। रमजान का तीसरा यानी अंतिम अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। ये अशरा सबसे महत्वपूर्ण भी माना जाता है। 21वें रोजे से शुरू होकर 30वें रोजे तक ये अशरा चलता है। इस्लामिक धर्म के अनुसार तीसरे और अंतिम अशरे के दौरान अल्लाह से जहन्नम से बचने के लिए दुआ की जाती है।