बस्ती 25 अप्रैल2020,रमज़ान का चाँद नजर आते ही हर मोमिन के मन मे रोज़े रखने ही हसरत होती है इसी कड़ी में घरसोहिया निवासी खुर्शीद आलम,मेहरून निशा की 7 वर्षीय लड़की हलीम सादिया के मन मे रोजे रखने की उम्मीद जगी और अपनी माँ से कहा कि हम भी रोजे रखे गे इस पर माँ ने समझाया कि तुम अभी छोटी हो लेकिन वह नही मानी और बिना सेहरी खाये उसने रोजा रखा घर के लोग उसकी हिम्मत की दाज देते है घर के लोगो ने उसे ढेर सारा प्यार किया और इनाम दिए ।
सात वर्षीय हलीमा सादिया ने रोजा रखा