बस्ती 7 मई 2020। गुजरात से चलकर 1219 यात्रियों को लेकर ट्रेन बृहस्पतिवार को अपरान्ह 4 बजे बस्ती पहुंची। प्रशासन की चाक-चैबंद व्यवस्था में गुजरात से आए हुए यात्रियों का थर्मल चेकिंग किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी बस्ती आशुतोष निरंजन एवं पुलिस कप्तान अपनी पूरी लाव लश्कर के साथ मौजूद रहे ।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सभी यात्रियों का चेकिंग किया गया। स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम प्रत्येक यात्रियों का मेडिकल चेकअप किया । इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी सरनीत कौर ब्रोका कर्मचारियों से संवाद करती नजर आई ।
इस दौरान प्रशासन ने सरकारी बसों द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जाने वाले यात्रियों के लिए स्पेशल बस की व्यवस्था कर विभिन्न जिलों के रहने वाले यात्रियों को रवाना किया गया। बस्ती रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले वाले यात्रियों में अलीगढ़ सुल्तानपुर बलिया सन्तकबीरनगर, समेत विभिन्न जनपदों के यात्री शामिल थे।खाना-पानी के लिए लिए थे, लेकिन 24 घंटे के सफर में उन्हें एक बार खिचड़ी और दो बोतल पानी ही दिया गया। ट्रेन का टिकट 630 रुपए का है, जबकि यात्रियों से 710 रुपए लिए गए। उन्हें यह बताया गया था कि बाकी पैसे से रास्ते में खाने की व्यवस्था होगी। हालांकि यात्रा की तमाम दुश्वारियों के बावजूद यात्रियों में इस बात का सुकून था कि वह अपने घर लौट रहे हैं।
ट्रेन में 65 यात्री बस्ती के थे। इनके अलावा अमेठी, प्रतापगढ़, गोरखपुर, जालौन, औरैया के मजदूरों की संख्या भी अधिक रही। आठ यात्री बिहार और एमपी के सवार थे। स्पेशल ट्रेन से यात्रा करने वाले मजदूरों ने लॉकडाउन के कारण परदेश में होने की दुश्वारियों का जिक्र किया तो उनके आँख भर आये कई यात्रियों के पास ट्रेन का किराया चुकाने को भी पैसे नहीं थे। अन्य सहयोगियों से उधार लेकर उन्होंने ट्रेन का टिकट खरीदा। झांसी निवासी सर्वेश कुमार ने बताया कि अहमदाबाद में फैक्ट्री बंद होने के बाद कमरे के अंदर कैद होकर रह गए थे। जेब में जो भी पैसे थे, वह धीरे-धीरे खत्म हो गए। लग रहा था कि अब यहीं जिंदगी खत्म हो जाएगी।