खैराटी गांव में व्याप्त भ्रष्टाचार के शिकायत बेनतीजा

बस्तीः बनकटी विकास खण्ड के खैराटी गांव में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में प्रधान के विरूद्ध खण्ड विकास अधिकारी से की गयी शिकायत बेनतीजा रही। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। गांव के लवकुश राना सहित दर्जनों ग्रामीणों ने मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, जलनिकासी और नाली खड़न्जा निर्माण में तमाम अनियमितताओं को लेकर ग्राम प्रधान मालती देवी के विरूद्ध मोर्चा खोल रखा है लेकिन किसी अधिकारी के स्तर से कोई कार्यवाही नही की गयी।


 


स्थानीय स्तर पर न्याय न मिलता देख ग्रामीधों ने शिकायती पत्र जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी को देकर न्याय मांगा है। इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री व शासन स्तर पर कई पटलों को भेजा गया है। लवकुश राना सहित तमाम शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कनेहटी गांव में राधेश्याम पाण्डेय के घर से बागीचे तक मिट्टी व सोलिंग कार्य कराये बगैर भुगतान करा लिया गया है। विरेन्द्र चौधरी ने राजस्व गांव भगवतपट्टी में अपने निजी नम्बर में जेसीबी लगाकर पोखरा खुदवाया, इसका मस्टररोल निकालकर ग्राम प्रधान सरकारी मद से भुगतान ले रहे हैं, ऐसे कई और निजी पोखरों में काम दिखाकर सरकारी मद से भुगतान लिया जा रहा है।


 


पीएम आवासों के नाम पर भी अनेक फर्जीवाड़ा किया गया है। बताया गया है कि कुल 25-30 आवास आवंटित किये गये हैं लेकिन डेढ़ दर्जन से ज्यादा आवास फर्जी हैं। ऐसे अपात्रों को आवास दिलवाये गये हैं जिनके पास आलीशान मकान और ट्रैक्टर ट्राली है। रेशमा, रामकरन, निर्मला, श्रीराम, रामआसरे, माया, जमुना, रामसुरेश सहित कई इसके ज्वलन्त उदाहरण हैं। भगवत पट्टी में 8 साल पहले 6 लाख की लागत से बनी पुलिया को प्रधान ने पटवा दिया जिससे इलाके के पानी का निकास अवरूद्ध हो जायेगा।


 


इसके साथ ही पूर्व में गांव में बनाई गयी जलनिकासी की व्यवस्था को ध्वस्त करते हुये पूरे गांव का पानी पुलिस की मदद से सतीश के जमीन में गिरवा रहे हैं। मना करने पर गोली मारने की धमकी देते हैं। शिकायतकर्ता विरेन्द्र, हीरालाल, विजय चौधरी, महेश कुमार, राजेश कुमार, रामशंकर, सतीश चन्द्र, राकेश कुमार, अष्टभुजा प्रसाद, राहुल कुमार, मनोज तथा बाबूराम व मुरली यादव सहित कई अन्य लोगों ने पूरे मामले की जांच करवाकर प्रधान मालती देवी एवं उनके प्रतिनिधि जसवंत के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग किया है। आरोपों के संदर्भ में प्रधान का पक्ष जानने की कोशिश की गयी लेकिन बात नही हो पायी।