कोरोना की लड़ाई में प्रयुक्त रणनीतियों का अवलोकन ।।डॉ0स्मिता पाण्डेय कार्यक्रमाधिकारी,राष्ट्रीय सेवा योजना एवं असिस्टेंट प्रोफेसर, सैन्य विज्ञान, आ0 न0 दे0कि0 पी0 जी0 कॉलेज बभनान,गोंडा:
भारत सहित विश्व के तमाम विकसित और अविकसित राष्ट्र कोरोना वायरस के संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई में अपने-अपने युद्ध कौशल द्वारा इस पर विजय प्राप्त करने का प्रयत्न कर रहे हैं। भारत सहित दुनिया के सभी देशों द्वारा कोविड -19 के विरुद्ध जिस रणनीति का प्रयोग किया जा रहा है उसका अवलोकन सामयिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। 1- संदिग्धों का परीक्षण करना - सभी संदिग्ध कोरोना संक्रमण मरीजों की जांच अतिआवश्यक है, जाँच के बिना इस महामारी का सामना करना बहुत मुश्किल है । यदि आपने ऐसे किसी देश की यात्रा की है, जहां संक्रमण फैला हुआ है तो आपको किसी भी कीमत पर इसकी जांच करानी चाहिए ,इसके अतिरिक्त अगर आपको बुखार ,खांसी ,सांस लेने में दिक्कत ,गले में खराश, सिरदर्द जैसे लक्षण महसूस हो रहे हो तो आपको यह टेस्टअवश्य कराना चाहिए । विश्व स्वास्थ्य संगठन की महानिदेशक के अनुसार इस संक्रमण को रोकने में सबसे अहम भूमिका शुरुआती लक्षण वाले लोगों की जांच ही है। इस दिशा में सर्वोत्तम कार्य दक्षिण कोरिया ने किया ,जहां प्रतिदिन 10,000 लोगों का परीक्षण किया गया। इस समय देश के कई राज्यों में कोरोना की रैपिड टेस्टिंग प्रारंभ हो गई है । जांच किट मिलने में विलंब के कारण रैपिड जांच देश में देरी से प्रारंभ हुआ है,परन्तु कोरोना की लड़ाई में अमोघ हथियार समझा जाने वाला रैपिड टेस्टिंग किट की गुणवत्ता संदेह के घेरे में है।कई राज्यों ने इसकी टेस्टिंग रोक दी थी,परन्तु अब इसके प्रयोग की आई सी एम आर द्वारा पुनः अनुमति प्राप्त हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस टेस्ट के जरिए उच्च जोखिम समूहों ,बिना लक्षण वाले ऐसे लोगों जो किसी कोविड-19 के संपर्क में आए हो या सर्दी- जुखाम के लक्षणों वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी। कोरोनावायरस की लड़ाई में प्लाज्मा थेरेपी का पहला परीक्षण भी सफल रहा है। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित भर्ती मरीज पर प्लाज्मा तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।इसके इस्तेमाल से मरीज की स्थिति पहले से काफी बेहतर है। कोविड-19 के विरुद्ध प्लाज्मा थेरेपी आगे चलकर वरदान साबित हो सकती है। 2- संक्रमितों को क्वॉरेंटाइन (एकांतवास) करना - क्वॉरेंटाइन का अर्थ है घर ,अस्पताल फार्म हाउस , होटल जैसी जगहों पर व्यक्ति को आइसोलेट कर देना । जिससे संक्रमित व्यक्ति लोगों के संपर्क में ना आए । इस दौरान मरीज को 14 दिनों तक आने-जाने पर या फिर किसी और से संपर्क करने से रोका जाता है। दुनिया भर में फैली इस महामारी से निपटने के लिए यह सबसे बेहतर उपाय है। वास्तव में खुद को अलग-थलग रखकर ही हम इस समस्या से निपट सकते हैं । यहां ध्यान देने योग्य है बात यह है कि होम क्वॉरेंटाइन के जरिए ही आप खुद को और अपने परिवार को संक्रमण से बचा सकते हैं । स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार होम क्वॉरेंटाइन का अर्थ है कि आप अपने ही घर में ऐसे कमरे में रहे जो हवादार हो और उसमें बाथरूम की सुविधा हो , यदि आप कोरोना संदिग्ध हैं तो अपने घर के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रहें, यदि आपके परिवार का कोई सदस्य कमरे में है तो उससे भी 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें । अगर आपको शंका है कि आप कोरोना संदिग्ध हैं या आपका टेस्ट चल रहा है तो ऐसी स्थिति में आप किसी भी समारोह ,शादी ,पार्टी में हिस्सा न लें । साबुन से लगातार 20 सेकेंड तक हाथ धोएं और अल्कोहल वेस्ट हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। घर में स्वयं से पानी, बर्तन तौलिया और अन्य किसी वस्तु को मत छुएं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सर्जिकल मास्क लगाकर रहें और प्रत्येक 6 से 8 घंटे में मास्क को बदलें ।
कोरोना की लड़ाई में प्रयुक्त रणनीतियों का अवलोकन ।।डॉ0स्मिता पाण्डेय,