बकरीद कुर्बानी का प्रतीक है और इस बार कोरोना संकट काल में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार ने इसे मनाने के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किये
कोविद-19 से एहतियात के साथ बकरीद का एहतराम
ईद उल अजहा (बकरीद) दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है I बकरीद कुर्बानी का प्रतीक है और इस बार कोरोना संकट काल में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार ने इसे मनाने के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किये हैं I जमात-ए-इस्लामी (हिन्द) की शरिया काउंसिल ने भी भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के पालन करने के लिए भारतीय मुसलमानों को विस्तृत हिदायतें दी है I हदीस का हवाला देते हुए शरिया काउंसिल ने कहा है कि मुसलमानों को अपनी हैसियत के अनुसार बकरीद पर कुर्बानी अवश्य करनी चाहिए क्यों कि अल्लाह को कुर्बानी सबसे प्यारी नियामत है I शरिया काउंसिल ने सुझाव दिया है कि मुसलमानों को सुरक्षित स्थान पर साफ़ सफाई के मानकों का ध्यान रखकर कुर्बानी का आयोजन करना चाहिए और अगर किसी कारण वश समुचित व्यवस्था का अभाव है तो व्यक्ति को चाहिए की वह कुर्बानी के दिन के बाद किसी अन्य तारीख को सदका (दान) की कीमत के बराबर का दान गरीबों में बाटे जिससे उसे अल्लाह द्वारा बराबर का सबाब मिले I शरिया काउंसिल ने यह भी अपील की है कि त्यौहार की गरिमा को बरकरार रखते हुए हमे दीन और शरिया के नियमों को स्थान और काल द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करते हुए सौहार्द् पूर्वक मनाना चाहिए I कानून द्वारा प्रतिबन्धित पशुओं की कुर्बानी से बचना चाहिए तथा साफ़ सफाई के मानकों का उचित पालन करना चाहिए I
जमात-ए-इस्लामी (हिन्द) की शरिया काउंसिल ने भारतीय मुसलमानों को इस वर्ष ईद उल फ़ित्र में घर पर नमाज़ पढने की मुबारकबाद दी और एक बार फिर उम्मीद ज़ाहिर की है कि वे पुनः बकरीद की नमाज़ भी घर में ही पढेंगे और एक ज़िम्मेदार नागरिक की भूमिका निभायेंगे I