बस्ती(जि०स०इ०ते ०)
कर्बला थम गया यजीद के कारनामो से |इस्लाम को ज़िन्दगी मिली हुसैन की शहादत से - हर साल की तरह इस साल भी मोहर्रम की सातवीं का जुलूस शहर के सटे घरसुहिया से परंपरागत मार्गो से निकला रेलवेस्टेशन होते हुए आये अलम के जुलूस पांडे बाज़ार बाबा हिदायत अली शाह रह ० के आस्ताने से निकल कर मंगल बाज़ार दखिन दरवाज़ा होते हुए कर्बला पंहुचा वहा सलामी के बाद फिर उसी मार्गो से होते हुए चिकवा टोला, राजा मैदान ,नै बाज़ार रानी पोखरा ,ईद गाह पर का कर ख़त्म हुआ जुलूस में अकीदत मनदो कि काफी संख्या थी प्रमुख चौराहे चौराहे पर नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर व या हुसैन जिन्दा बाद की सदाएं गूंज रही थी जुलूस में डीजे इस्लामिक परचम, अलम परंपरा ढोल ताशा बजाकर खिराजे अकीदत पेश किया जा रहा था ।इस मोके पर कमेटी के सभी ओहदेदारन मौजूद रहे मुख्य रूप से मोहम्मद अय्यूब ,अब्दुल अज़ीज़ ,सिद्दीक कम्मू मोहम्मद नसीम ,कुतबुद्दीन ,मोहम्मद शहनशाह आलम ,समसुद्दीन वली मोहम्मद ,संजुम सनबी पुलिक प्रशासन प्रभारी निरीक्षक पुरानी बस्ती चौकी इंचार्ज दखिण दरवाजा पलास्टिक कॉम्पलेक्स अपने पुरे दल बल के साथ मौजूद रहे |
कर्बला थम गया यजीद के कारनामो से |इस्लाम को ज़िन्दगी मिली हुसैन की शहादत से